भाई अगया चुनाव ,
ये लोकतंत्र का सबसे बड़ा महापर्व .....
नेता घर से घर जा कर मांगते हें भोट
वादा पे वादा, सब कुछ कर के दिखायेंगे,
सिर्फ़ मुझे भोट दीजिये
और पाँच साल के लिए ......
आखिर, पाँच साल के बाद ,
फ़िर नेता दीखते हें ,
बीच मै , उनको जनता की याद नही ,
सायद, नेता भूल गए उनके वादा ......
ये देश की नेता भूल जाते हें , जल्दी वादा,
सिर्फ़ पाँच साल के वाद , याद आते हें जनता,
लोग नेताओ के मदत के लिए रोज पिसते हें ,
परन्तु, उनके बात सुनने के लिए कोई नही हें .......
ये भाई लोकतंत्र हें हमारा,
वाहा, वाहा , नेताओ की किया कहेना,
हें भगवान् , इन नेताओं को थोड़ा सदबुद्धि देना .......
Thursday, May 28, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
चुनाव तो आकर चला गया है, पर आपकी रचना ने भूले बिसरे चित्र फिरसे स्मृतिपट पर अंकित कर दिये।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
Post a Comment