Monday, June 1, 2009

विश्व तोब्बाको निषेध दिवस

मई ३१ को विश तोब्बाको निषेध दिवस के रूप मै मनाया जाता हें। ये दिन, विश स्वाथ्य केलेंडर मै एक अहम दिन होता हें । सिगारेट , गुटका , पान , सराव जेसे जहरीला चीज से लोगो को दूर रखने के लिए , जाती संघ के '' विश्व स्वास्थ्य संगठन '' वा ''वोल्ड हेल्थ ओर्गानैजेसन '' से तरफ से हर साल मै ३१ को लोगो को जागरूक किया जाता हें । इस दिन , विभिन्न सरकारी , वे-सरकारी संथाओं के साथ विभिन्न स्कूल और कालेज की स्टुडेंट भी लोगो को जागरूक लाने के लिए पहल करते हें। इस के अलावा , विभीन्न संथाओं के द्वारा नाटक , सांस्कृतीक कार्यक्रम , संगीत के माद्यम से भी लोगो को टोबाको के खतरनाक परिणाम के विषय मै लोगो को आगाज किया जाता हें । इस के बाबजुड़ , लोग अपनी आदत छोड़ते नही।
सन २००० मै आमेरीका के '' फोरेन एग्रीकल्चर आफीस'' के तरफ से किया गया एक आंकलन के अनुसार, भारत मै ५९५.४ हजार टन टोबाको जेसे विभिन्न जहरीला पदार्थ बिकता हें । ''दी ग्लोबाल तोब्बाको ओर्गानैगेसन '' के तरफ से २००८ मैं , एक आंकलन के अनुसार , भारत मैं , पुरुस ३३.१ % और महीला ३.८ % तोब्बाको सेवन करते हें । भारत मै तोब्बको की मात्रा जादा ही हें । ये तोब्बको की इतिहास बड़ी रोचक हें । सबसे पहेले , आमेरीका मै, तोब्बको , पाईप और स्नाफ़ ब्यबहार किया गया । इस के बाद , सिगार और तोब्बाको ,चुईंगम के रूप मै लोगो ने इस्तिमाल किया। सन १८१२ तक , यूरोप के बाकी हिसो मै तोब्बाको की मांग जोर पकडा। विशेस रूप से , ''शिल्प विप्लब'' के द्वारान तोब्बाको की आछी खासी प्रसार हुई। जिस के वाद, तोब्बाको सारे विश्व मै फेल गया , जो आज लोगो की जरुरत मंद चीज हो चुका हें ।
मोटे दौर पर, ये तोब्बाको १० किसम की होते हें । जेसे , १-आरोमेतिक फईर -क्युर्द , २-ब्राईटलीफ तोब्बाको , ३-बर्ली, ४- कवेंदिश , ५-क्रिओलो ,६- अरिएंटेल तोब्बाको , ७- पेर्कुई , ८-सेड तोब्बाको , ९- व्हाईट बर्ली और १०- वाईल्ड तोब्बाको । ये सारे किस्म की तोब्बाको जहरीला और खतरनाक होते हें । आज कल , टेलीविसन मै अनेक सीरियल और सरकार के तरफ से प्रायोजित कार्यक्रम मै तोब्बाको की भयंकर परिणाम के वारे मै बताया जाता हें । उदाहरण के तोर पर , कोई गुटका /तंबाकू खा कर , यदि आप किसी पौधे पर फेंक देंगे , व पौधा मर जाता हें । इस के अलावा , यदि आप तन्ब्बाकू को मुह मै रात भर रख कर सो जायेंगे , आप जब सुबह उठेंगे , तब आप की मुह मै छेला से भर जायेगा। आप खाने की दूर , आप पानी भी मुस्किल से नसीब हो पायेगा । ये सारे जहरीला चीज का परीणाम के दौर पर , हमें केंसर, किडनी ख़राब जेसे बीमारी का सामना करना पड़ता हें । ''वर्ल्ड हेल्थ ओर्गानैजेसन '' के तरफ के अनुसार , मोटे दौर पर टोबाको खाने से ५ किसम की बिमारी हो सकता हें । जेसे, १-बेक्तेरीया डिजीज , २-फंगल डिजीज , ३- नेमात्रोड्स पारास्तिक , ४- भाईराल अंड माई-कोप्लास्मालैक ओर्गानैजेसन (एम् .एल .ओ ) डिजीज, और ५- मीससेल्लानिऔस डिजीज अंड दिसअदर्स । ये सारे बीमारी सिर्फ़ और सिर्फ़ तंबाकू खाने पर ही होता हें ।
विश्व के दुसरे देश के तरह , हमारे देश मै भी सरकार के तरफ से तोंब्बाको के लिए कड़े कदम उठाया गया । जेसे , १८ वर्ष से निचे की आयु के वक्ती को तोंबाको वेचना दण्डनीय अपराध हें , सव साधारण और होस्पिताल के पास सिगारेट , सराव पीना अपराध माना जाएगा । इस के साथ ही, तोब्बाको कंपानी , अपनी नाम की निचे , ''तोब्बाको इज ईंजरिओउस फॉर हेल्थ '' मोटो लिखना जरुरी किया गया हें । इस साल से , तोब्बाको से जुड़े हर कंपनी , अपनी प्राडक्ट के १/४ % हिस्सा तोब्बाको से होने वाला नुक्सान के वारे मैं चित्र देना , सरकार के तरफ से जरुरी किया गया हें । परन्तु , सरकार भी लाचार हें । कियु की, सरकार और विभीन्न संस्थाओं के द्वारा , मई ३१ को हमें सचेत किया जाता हें । परन्तु , तमाम कोशिश करने के बाबजूद , लोगो के ऊपर कोई असर नही होता हें । नियम -कानून से इस विषय को समाधान नही किया जा सकता हें । जब तक हम सचेत नही होंगे , तब तक कोई कुछ नही कर सकता हें । आख़िर , हामारे स्वास्थय की फिकर ख़ुद को ही करना चाहिए । यदि , आज हम इस विषय को नजर अंदाज कर रहे हें, इस के परिणाम स्वरुप हमें ही आनेवाले वक्त पर भुगतना पड़ेगा । इसलिए , यदि आज हम सचेत होंगे , आनेवाले कल निचित रूप से नई सुबह की नई किरण के रूप मै हमारे जिन्दगी मै उजाला लाएगी ।

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