Saturday, November 7, 2009

आफत मैं हें देश की भी.भी.आई.पि ट्रेन.....











२७ ओक्टोबर २००९ का दिन भारतीय रेलवे के लिए एक काला दिन था और ट्रेनों मैं सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक दर्दनाक और दुखद दिन था । कियों की उस दिन , दोहपर मैं , नक्सलियों के द्वारा भुबनेश्वर से दिलली के लिए जाने रही २४४३ ए भुबनेश्वर राजधानी ( भाया- टाटा नगर जं ) समर स्पेशल को बनषताला मैं अगवा करलिया गया था । इस स्टेसन झारग्राम स्टेसन से १० किलोमीटर के दुरी पर हें । झारग्राम स्टेसन, खड़गपुर जं - टाटा नगर जं के विच मैं पड़ता हें । इस ट्रेन मैं लगभग १२०० यात्री सवार थे । जब ट्रेन बनषताला स्टेसन के आउट डोर सिग्नल पारी कर रहा था , तब किसी ने लाल झंडे देखा कर ट्रेन को रोक दी । चालक ने भी , ऐमरजेंसी ब्रेक लगा दी । ट्रेन रोकते ही , छुपे हुए , ६०० नक्सलियों ने ट्रेन को घेर लिया ट्रेन के चालक को अपने कब्जे मैं ले लिया और सभी यात्रीयों को तत्काल उतारने के लिए बोल कर, ट्रेन की विजली कनेक्सन काट दी । उसके वाद , नक्सलियों ने ट्रेन की फर्स्ट एसी ( भी .भी .आई .पी. कोच ) मैं तोड़ फोड़ किया । नक्सलियों ने ट्रेन वगियों के ऊपर उनके नेता छ्त्रधर महतो को तत्काल जेल से रिहा करने की मांग के वारे मैं लिखा । सबसे पहले तो, नक्सलियों ने ट्रेन के दोनों चालक आनन्द राव और के.स .राव को अपने कब्जे मैं लेकर, उन दोनों के माद्यम से रेलवे के वरिस्थ अधीकारियों से बातचीत किया । उसके बाद , प.बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भटाचार्य और बाद मैं , रेल मंत्री ममता वानार्जी से बात करके , उनके नेता छ्त्रधर महतो को तुंरत छोड़ने की मांग किया । स्याम होते ही और सी.आर.ऍफ़ वल आने से पहेले , नक्सलियों ने ट्रेन और चालक को मुक्त कर के घटना स्थल से भाग निकलने मैं कामियाब रहे । उसके वाद , सम्पूर्ण रूप से जाँच परताल करके ट्रेन को रात करीब ८ बजे सी.आर.ऍफ़ की निगरानी मैं दिल्ली के लिए रवाना किया गया । वेसे, नक्सलियों ने यात्रीयों को कोई नुक्सान नही पहंचाया ।
परन्तु , भुबनेश्वर राजधानी को दिन दाहादे अगवा करना, यह बात ट्रेन मैं सवारी करने वालें यात्री कितना सुरखित वह पता चलता हें । यह आलम राजधानी जेसे भी.भी.आई.पी ट्रेन का हाल हें , आप सोचिये दुसरे आम ट्रेनों मैं सुरख्या का किया इंतजाम हुआ होगा । भुबनेश्वर राजधानी को हाईजेक करना पुरा प्री-प्लान था। कियों की , नक्सलियों ने ट्रेन को आउट डोर सिग्नाल मैं रोक देना और निर्भय से ट्रेन को घेर लेना । कियों की , नक्सलियों को यह भी पता था , उस दिन ट्रेन मैं कोई सुरख्या कर्मी मजूद ही नही थे और नक्सलियों के नेता संतोष पात्रा ने मीडिया को भुबनेश्वर राजधानी की अगवा के वारे मै बताना आदी सारे बात साफ़ इंगित करता हें , नक्सलियों की यह पूरा प्री-प्लान था और उनको ट्रेन की वारे मैं पल पल की ख़बर पता था । रेलवे और सरकार जितने भी दाबे करे, हर वक्त नक्सलियों ने सुरख्या की पोल खुलते हें । जब करवाई किया जाता हें , तब तक नक्सलियों के द्वारा घटना को अंजाम दिया जुका होता हें । वेसे , भुबनेश्वर राजधानी को अपहरण करना , नक्सलियों की एक पब्लिसिटी स्टांड भी था ।
सरकार और नक्सलियों के विच आम जनता फस जाते हें और आखिर उनोको ही परीसान झेलना पड़ता हें । हर घटना के बाद , कुछ जोरदार कारवाई किया जाता हें , उसके बाद वही पुरानी कहानी । आखिर, केन्द्र और राज्यों सरकार क्यों कड़े कदम नही उठाते हें ? क्यों हम हर वक्त लाचार हो जाते हें ? मंत्री , विधायक , एम्.पी , नेता तो जेड़ सीक्युरिटी के अन्दर रहेते हें , उनको पता नही लोग रोज किस तरीके से समस्याओं को झेलते हें । दिमाग हर पल डर बेठता हें , आज कुछ ना हो जाए । इधर केन्द्र ने राज्यों को और राज्यों ने केन्द्र को आपसे कीचड़ फेंक कर अपने जिमीदारी से पला झाद्लेते हें । इधर , सी .आर .पी. असली नक्सलियों को पकड़ने बदले निर्दोस आदिवासियों को पकड़ लेते हें , जिस का परिणाम सबको भुगतना पड़ता हें । इस बात को नक्सलियों के द्वारा आदिवासियों को सरकार के खिलाप मोर्चे मैं सामिल कर के फाईदा उठाते हें । जाहिर हे, आदिवासी नक्सलियों के साथ ही देंगे । साथ ही साथ , नक्सलियों के द्वारा लोगो को हर चीज मुहया करते हें , सरकार की मदत से मायूस आदिवासी नक्सलियों के साथ देते हें । राज्यों के पोलिस का बात ही मत कीजिये । कियों की , सारे के सारे भ्रस्ताचार मैं पि.च .दी. हें । लोग को इस तरीके से लुटते हें , जिस से लोग पोलिस से परिसान होकर नक्सलियों के साथ देते हें । हम नक्सलियों को कुसूरवार ठरना जायज हें, परन्तु उस से पहेले , ख़ुद देखिये हम कितने पानी मैं हें ? हमारे सीस्टम की भ्रस्त चीज को नक्सलियों ने उनके लिए इस्तमाल करते हें । बात यह हुआ , खुट तो हमारे विच हें । यदी , तत्काल समय मैं , पोलिस भ्रस्त ना होता , ना सरकार चैन की नींद सोता , तब आज यही नक्सलियों की भयानक परिणाम देखना ना पड़ता । आखिर , एक ग़लती से ही आनेवाले वक्त मै भारी पड़ता हें । अभी भी कुछ बदला नही , यदी सरकार चाहेगी हालत सुधर सकते हें । परन्तु, मुझे भी पता हें और आप को भी पता हें , यह भारत हें जी , यहाँ के नेता ,मंत्री, सरकार और प्रशासन कभी अपनी गलतिया मानते नही , भले ही लोगों की जाने जाए । उनका किया जाता हे भाई, वह तो चबिसो घंटा जेड़ सुरक्या अन्दर रहेते हें । उनका थोड़े ही कुछ होने वाले हें । जो भी , यह बात साफ़ हें , जब तक नेता , मंत्री , सरकार और प्रशासन भ्रस्ताचार से मुक्त नही होंगे , जब तक यह सारे आपनी दईत्व को ठीक से नही निभाएंगे , तब तक नक्सलवादियों, माओवादियों के साथ साथ आतंकवादियों को भी ख़त्म कर नही सकते .....

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