Thursday, January 28, 2010

महंगाई के पटरी पर आम आदमी

साहाब ! मैं रिक्सा चलाता हूँ। मुझे यह एक जरिया हैं, जिस के तहत मुझे अपनी ४ सदस्य वालें घर को चलानी होती हें और यह महंगाई हमारे कमर तोड़ दी हैं । आखिर हम करे भी किया करे ? जी हाँ ! यह बात हैं , दिल्ली के महारानीवाग तथा आश्रम के सता भरत नगर के रिक्सा बालां की कहानी हैं। यह कहानी बताती हैं, केसे महंगाई, मद्यावित परिवार के लोंगो की हालत बहत नज्दुक करदिया हैं। इन दिनों सभी चीज दू- दूना भाव से अधिक दाम से मिल रहा हैं। परिणाम स्वरुप, खाना बनाने वालों दुकानदार भी दामों मैं वढ़ोतरी कर दिया हैं । अब दिल्ली मैं हर चीज महंगाई के आसमान छुं रा हैं ।
इन महंगाई से आम आदमी के अलावा स्टुडेंट भी झेल रहे हैं । क्यों की इन महाँगई से मध्यवित परिवार के स्टुडेंट को अपनी आर्थीक स्थिति से बहत तकलिप सहना पड़ रहा हैं । आम आदमी के साथ नारा देने वालें कांग्रेस और यु.पी.ए सरकार के साथ साथ दिल्ली प्रदेश शिला सरकार से तरफ भी राहत की और फल नहीं कर रहे हैं ।
चुनाव से फेले '' पालिटिकल स्टैंड'' के तहत केंद्र और दिल्ली प्रदेश के तरफ से महंगाई को रोकने के लिए जोरसोर से कोशिश किये थे। दोनों सरकार जनता से वादा किये थे, वे जल्दी ही मसले सुलझ देंगे। परंतु, हमेसा के तरह भारतीय नेता और सरकार को अपनी गढ़ी फिर मिलने के वाद , अपनी वडा भूलने का आदत हैं। केंद्र और दिल्ली प्रदेश सरकार को फिर अपनी गाड़ी मिल गया, वे तो लोगों को इस एहसान के वदले जेब करने मैं तुले हैं। वेसे, हर चीज की महंगाई से परेसान दिल्ली वासियों को पहेले बस की किराया उसके वाद मेट्रो और अब पानी की वढतोरी कीमतों ने बेहाल करदिया हैं। परंतु, इस महंगाई के वक्त भी, हमारे मंत्रीगण, अपनी सरकारी आवास छोड़कर, सरकारी पैसा से फाईफ स्टार होटल मई ठरते हैं, जिसका एक रात की किराया पांच लाख रुपया हैं । उदाहरण स्वरुप, विदेश मंत्री एस.एम.कृष्णा जी ने , एक फाईफ स्टार होटल मैं एक महीने तक ठरते थे। यदी, राजनैतिक नज़रों से कहा जाए, यह नौवत लगातार जनाधार की परिणाम हैं । यानी, किसी भी दल को कभी भी लगातार गढ़ी सोपना नही चाहिए । यदी, एसा करते हैं, दोलों मैं स्वेछाचार आजेयेगी और अपनी मनमानी पर उतर आयेगें । परिणाम आपके सामने हैं । जनता हमेसा नेताओं को यह येहेसास दिलाना जरुरी हैं, अछा काम कोरोगे हमारे साथ पाओंगे। खैर, यह भारतीय जनता हैं, जो भले hiइ कितने तकलिप सहें, परंतु नेताओं की मीठी वातों से सबकुछ भुल्जाते हैं । फिलहाल तो महंगाई की मार से दिल्ली वासियों को कोई राहत मिलने वालां नहीं हैं । इस से राहत पाने के लिए , वेसक दिल्ली वासियों को २०१२ तक इंतजार करना पडेगा। क्यों की, २०१२ मैं आम चुनाव हैं, जाहिर हैं, चुनाव के मधेनाजर वादों की पितारों से आकर केंद्र और प्रदेश सरकार महंगाई को रोकने के लिए कोशिश करेंगे।
इसलिए -
'' करते रही हैं , २०१२ तक की इंतजार,
झेलते रही हैं, महंगाई की मार '' ।