Saturday, February 27, 2010

दादा ! ये आमार बजट हैं....


हमेसा आम आदमी का राग आलापनेवालें कांग्रेस और यु.पी.ए सरकार ने इस महंगाई के दौर मैं गुजर रहीं आम आदमी की जखम पर मलम की बदले नमक छिड़ दी । कल अर्थ मंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा मैं २०१०-११ के विक्तिया बजट पेश किये । इस बार सरकार ने आम आदमी की कमर तोड़ने की पूरा बंदोबस्त कर लिया हैं। प्रणब दा ने आपनी बजट मैं, पेट्रोल, डीजल, सिगारेट, टी.वी, एयर कांडिसन, कार, सीमेंट, तमाखू के साथ साथ सोना और चांदी भी माहंगी हुई। दुसरे तरफ, प्रणब दा ने मोबाईल, मेडिकल से जुड़े सामान, दवाईया, सी.एफ.एल ल्यांप, सेट टाप बॉक्स, कोम्पाक्ट डिस्क, खेलना और किताब सस्ती हुई। इस वार की कुल राशी ११,०८,७४९ कोरोड़ रुपये की हैं , जिस मैं राष्ट्रीय कृषी विकाश योजना के लिए ३०० कोरोड़ों रुपए, किशानों को २% कर्ज से छुट, १०० कोरोड़ों की एक महिला फंड की योजना, इंदिरा आवास योजना मैं अर्थ राशी बढ़ाना, राष्ट्रीय राजपथ के लिए १३% बोधातोरी, कृषी के लिए चार सूत्री योजना बनाना, सिक्ख्या, स्वासथ्य के लिए अर्थ राशी बढ़ाना आदी प्रमुख हैं । इस के अलावा, राष्ट्रमंडल खेल के लिए खेल प्राशीकरण और इंडियन ओलोम्पिक आसोसिअसोन के साथ डिजिटल फोर्मात मैं खेल की प्रशारण के लिए दूरदर्शन को अछि खाशी पैसा मुहया किया गया हैं।
फिर भी आम आदमी की बजट मैं, आम आदमी की तो कमर तोड़ दी हैं । अब पेट्रोल की कीमत बढ़ा दी, जाहिर सी बात हैं , हर चीज बढ़ेगी । मध्यवित परिवार के लोग ये ही कहा रहे हैं- सरकार ने तो हामारे मुंह से निवाले ही छीन लिया । आम आदमी की मसीहा बोलने वाले कांग्रेस और यु.पि.ये सरकार ने आम आदमी की जखम के वदले नमक लगा दी । दादा की इस वजत से किसान केसे बच सकते हैं । पहेले से महंगाई से जुज रहे गरीव किसानों को तो यूरिया के कीमत बढ़ा दी और अब तेल की कीमत । किसानों की तो हालत ही पतला होगया हैं। अब व दोहरे मार से झेल रहे हैं । खैर, इस साल तो सरकार ने तो लोगों की हालत आ.सी.यु की मरीज जेसे बना दिया हैं । हाँ, अगले साल सरकार कुछ कदम जरुर उठा सकती हैं । क्यों की, २०१२ मैं आम चुनाव हैं , इसलिए सरकार की पिटारे से लाभलुभाने वाले योजनाये आसकते हैं । क्यों की , ये आम आदमी हैं , व थोडा सा मीठी बातों से सारे तक्लिप भूल जाते हैं । ये अलग बात हैं , ये मलम लगाने वालें, सभी वादें अमल कभी नहीं होती। खैर, क्या करे, लोंगों की मन से जब तक ये आम आदमी का मानसीकता नहीं उठेगी, तब तक आप कुछ नहीं कर सकते । नहीं तो ये ही हामारे नसीव बन जायेगा और कुछ नहीं .....

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