Friday, February 26, 2010

ममता सुपरफर्स्ट एक्सप्रेस, ( भाया- बंगाल की सी.एम्. कुर्सी )

रेल मंत्री ममता वानार्जी ने २०११ वर्ष के लिए लोकसभा मैं रेल बजट पेश की। जेसे पहेले से ही कयास लगाया जा रहा था, वेसे ही रही ममता दीदी की रेल बजट पेश की। २०११ मैं प.बंगाल मैं होने वाले विधान सभा चुनाव को देखते हुए, अपनी बजट मैं बंगाल के लिए अपनी ममता वौर्छार कीजादातर परयोजनाए बंगाल के लिए था । अपनी चुनावी बजट मैं , दीदी ने यात्री दर मैं कोई वाधोतोरी नहीं की और इ.टिकट मैं लगने वाले सरप्लस चार्ज ४० रुपए से २० रुपए घटा दिए । इस के साथ ही, ममता दीदी ने साफ़ करदिया रेलवे का निजीकरण नहीं होगी और साथ ही एलान की - दिल्ली मैं होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों मैं भारतीय रेल अग्रणी साझीदार और खेल के द्वाराण विश्वश रेल गाड़ियों को चला जायेगी। ममता वानार्जी ने इस वार सुरख्या की ख़ास द्यान रखी। देश के सभी बड़े सहारों मैं महिला स्पेशल चलाने की घोषणा की । साथ ही, अब पूर्व सैनिकों को आर.पी.ऍफ़ मैं भर्ती किया जाएगा। इसके अलावा, रेल मंत्री की घोषणाओं मैं - आम लोगों के सौहलियत के लिए, अब रेलवे की परिखियाए इंग्लिश-हिंदी के साथ साथ उर्धू और सभी आंचलिक भाषाओँ मैं होना, कुलियों और वेंडोर के लिए स्वास्थ सेवा, शौचालय को और आधुनिक किये जायेंगे, मोबाईल वेंन मैं टिकट चालु करना, विश्वविद्यालय मैं टिकट काउंटर खोलना, भर्ती नीति और कैटरिंग नीति मैं बदलाब, जमीन अधिकरण के बदले नौकरी, निवेशकों को रेलवे मैं निवेश करने का मौका देना, पीपीपी से छ सहोरों मैं पानी के प्लांट की स्थापना आदी प्रमुख थी। पिछले साल की तरह, इस साल भी रेल मंत्री ने पुरे देश मैं ५४ नई ट्रेन और मुंबई के लिए १०१ नई लोकल ट्रेन चलाने की घोषणा की। साथ ही, उह्नोने २०१५ तक पांच हजार नई रेल लाइन बिछाना और बांग्लादेश के साथ लिंक रेल की वारे मैं कही । इस के अलावा, खाद्य पदार्थ और किरोसिन की धुलाई मैं सब्सीडी, प्रेस संवादाताओं के बचों को ट्रेन की सफ़र मैं छुट और संसाधन जुटाने के लिए नए रास्ते तलाशने की भी रेल मंत्री ने सदन मैं कही। मौते दौर पर, ममता वानार्जी ने, अपनी रेल वाजत मैं चुनावी रंग देने की पुरजोर कोशिश की। ममता दीदी की ये चुनावी एक्सप्रेस उनको चुनाव जिताने मैं कितना मदतगार होगी, व तो आनेवाला वक्त बताएगा। परन्तु, ये जरुर कहा जा सकता हैं, आहिस्ता आहिस्ता रेलवे के जरिये सिर्फ एक खेत्रिय इलाका के लिए पूरा युपयोग होरा हैं। हमें ये कभी भूलना नही चाहिए, रेलवे किसी एक खेत्रिय जगह की नही वाल्की ये सारा देश की हैं ।

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